राहुल और सिया की मुलाकात कॉलेज में हुई। शुरुआत तकरार से हुई, लेकिन वक़्त के साथ वो एक-दूसरे की ज़रूरत बन गए। बारिश की एक शाम, राहुल ने सिया से कहा, “मैं तुम्हारे बिना अधूरा हूँ।” सिया मुस्कराई, मगर किस्मत को कुछ और मंज़ूर था। सिया की शादी कहीं और तय हो गई। आखिरी बार मिलने आए, बिना शिकायत, बिना आंसुओं के। बस एक वादा किया – "अगर अगले जन्म में मिले, तो अधूरा ना छोड़ेगें।"
आज भी राहुल उसी कॉफी शॉप में बैठा, उसी मुस्कान का इंतज़ार करता है।
Nice
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